जो सितारे चमकदार हैं,
वो बुलंदी के हक़दार हैं !
वो बुलंदी के हक़दार हैं !
क्या अदब में जगाह पायेगें,
ज़ुल्फो रुख के जो बीमार हैं !
ज़ुल्फो रुख के जो बीमार हैं !
वो हवाओं में उड़ने लगे,
जो ज़मीं के गुनाह्गार हैं !
जो ज़मीं के गुनाह्गार हैं !
वाइज़े बे अमल आज भी,
तेरी बातें मज़ेदार हैं !
तेरी बातें मज़ेदार हैं !
सरहदों के हैं हम पासबां,
सर कटाने को तय्यार हैं !
सर कटाने को तय्यार हैं !
जो लबों पर शहीदों के थे,
वो भी उर्दु के अशआर हैं !
वो भी उर्दु के अशआर हैं !
मुसकुराती हैं कलियां "शिहाब",
फिर बहारों के आसार हैं !
एजाज़ उल हक़ "शिहाब"
फिर बहारों के आसार हैं !
एजाज़ उल हक़ "शिहाब"